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NEW GST RETURN SYSTEM 2020
NEW GST RETURN SYSTEM 2020 01 अप्रैल 2020 से लागू हो जायेगा आइये जानते हैं इस NEW GST RETURN SYSTEM के बारे में-
जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि GST मतलब Goods and Services Tax को भारत में 01 जुलाई 2017 से लागू किया गया था जिसका काफी विरोध भी हुआ था लेकिन बाद में सभी इससे सहमत हो गए थे और अब 2020 में इसको अपडेट कर दोबारा से नये नाम NEW GST RETURN SYSTEM और नए नियमो के साथ 01 अप्रैल 2020 से शुरू किया जायेगा।
इससे पहले हम थोड़ा GST नंबर के बारे में जान लेते हैं
यदि आप किसी भी प्रकार का व्यापार करना चाहते हैं फिर चाहे वह ऑनलाइन हो या ऑफलाइन आपको GST नंबर लेना होगा। वैसे तो ये उन व्यापारियों के लिए होता है जिनका सालाना टर्न ओवर 40 लाख के ऊपर हो लेकिन यदि छोटे व्यापारी इसे ले लेते हैं तो उनको लोन मिलने में आसानी होती है। यदि आप GST रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं तो आपको हर वर्ष GST रिटर्न और हर महीने अपनी फाइलिंग करानी होती है जिसमें आपको अपने सेल और पर्चेस की जानकारी देनी होती है।
GST नंबर एक 15 अंकों का नंबर होता जिसमें पहले दो अंक आपके राज्य के कोड बताते हैं। उसके आगे के 10 अंक आपके PAN नंबर होते हैं। उसके बाद के 2 अंक आपके एंटिटी कोड को बताते हैं और अंतिम अंक एक चेक कोड अंक होता है।
पहले GST रिटर्न फाइलिंग को GSTR-1, GSTR-2 और GSTR-3 के नामों से जानते थे और इनके द्वारा ही रिटर्न फाइलिंग करते थे लेकिन अब इन्हे RET-1,RET-2 और RET-3 के नामों से जाना जायेगा।
Filling Of Returns:-
ANX-1 इसके तहत आपको वह जानकारी देनी है जिसमे आप चार्ज पे करेंगे यानि की आपकी सेल्स कितनी हुई इसमें आप अपनी इन्वॉइसेस रियल समय में अपलोड कर पाएंगे।
ANX-2 इसमें आपको अपनी परचेस की इन्वॉइसेस वेरीफाई करना है जो सप्लायर ANX-1 में अपलोड करेंगे उसे हम एक्सेप्ट या रिजेक्ट करेंगे जिसके तहत हमें ITC क्लेम करने को मिलेगा।
NEW GST RETURN SYSTEM 2020
1 . RET-1 NORMAL REGISTRATION– जो व्यक्ति रेगुलर स्कीम के तहत GST में रजिस्टर्ड है उन्हें सरकार ने तीन प्रकार से रिटर्न फ़ाइल करने के ऑप्शन दिए हैं जिनमे सबसे पहला है RET-1 जिसे NORMAL RETURN भी कहते हैं। इसमें सबसे ज्यादा अधिकार और सबसे ज्यादा इन्फॉर्मेशन आपको मिलेगी। इसके तहत आप माहवार या तिमाही रिटर्न फ़ाइल कर सकते हैं। यदि आपका सालाना कारोबार 5 करोड़ से ऊपर का है तो आपको इसके तहत ही रिटर्न फाइलिंग करनी होगी।
2. RET-2 SAHAJ– इस रिटर्न सिस्टम के तहत आप B2C सेल तो कर सकते हैं लेकिन यदि आप कोई ऑनलाइन सामान बेचते हैं तो आपको RET-1 में ही रिटर्न दाखिल करना होगा। इसका रिटर्न तिमाही बेसिस पे ही फ़ाइल होगा।
3. RET-3 SUGAM–ये रिटर्न सिस्टम RET-2 की तरह ही है बस इसमें एक फायदा है कि आप इसके तहत B2B और B2C दोनों तरह के व्यापर कर सकते हैं। इसका रिटर्न भी तिमाही बेसिस पे ही होगा।
NEW GST RETURN SYSTEM 2020 इन तीनों तरह के रिटर्न सिस्टम में अंतर क्या हैं
RET-1 में आप सरकार को सबसे ज्यादा जानकारी देंगे और सरकार आपको सबसे ज्यादा अधिकार देगी जबकि RET-3 में RET-1 से कम लेकिन RET-2 से अधिक जानकारी और अधिकार प्राप्त होंगे। यानि की सबसे अधिक RET-1 में उसके बाद RET-3 फिर RET-2 .
RET-2 और RET-3 में ऑनलाइन व्यापार की सुविधा नहीं हैं।
पुराने GST RETURN SYSTEM और NEW GST RETURN SYSTEM
नए और पुराने GST RETURN SYSTEM में ज्यादा कुछ खास अंतर तो नहीं है बस नाम और कुछ तारीखों का ही अंतर है जैसे की पहले GSTR-1 को फ़ाइल करने की तारीख 10 ,GSTR-2 को फ़ाइल करने की तारीख 15 और GSTR-3 को फ़ाइल करने की तारीख 20 होती थी वैसे ही अब इस NEW GST RETURN SYSTEM में आप इनको एक ही तारीख में कर सकते हैं।
GSTR-1, GSTR-2, GSTR-3 को क्रमशः ANX -1, ANX -2 और TAX PAYMENT PMT-08 के नाम से जाना जायेगा। वैसे अमेरिका जैसी देश में अभी GST नहीं है।
HSN क्या है
HSN का full form Harmonized System of Nomenclature होता है। HSN कोड उन व्यापारियों के लिए आवश्यक आवश्यक होता है जिनका टर्न ओवर 1.5 करोड़ से 5 करोड़ तक होता है।
जैसे कि किसी रुमाल का HSN CODE 62.13.90 होता है।
1 APRIL 2021 जिनका टर्न ओवर 5 करोड़ से कम है उनको भी 4 नंबरों का HSN CODE निर्देशित किया गया है और इसे अपने बिल में लिखना अनिवार्य होगा लेकिन यह सिर्फ B2B मतलब बिज़नेस से बिज़नेस बिल पर ही होगा और जिनका टर्न ओवर 5 करोड़ से ज्यादा है उनके लिए 6 नंबरों का HSN CODE निर्देशित किया गया है।
और 8 नंबरों का HSN CODE एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट जो कि GST के अंतर्गत आते आते हैं उनके लिए निर्देशित किया गया है।
यदि आप कोई भी सामान ऑनलाइन बेचना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको GST रजिस्ट्रेशन लेना होगा फिर चाहे आप मिट्टी के बर्तन बेचे या फिर अपने बनाये हुए अचार।
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